प्रतिरोध श्रेणी और समानांतर का संयोजन और कक्षा 12 वीं और आईटीआई उम्मीदवार के साथ इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स में एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय मिश्रित मुख्य रूप से हम प्रतिरोध श्रेणी और समानांतर के संयोजन को जानते हैं लेकिन जहां हमें श्रृंखला संयोजन और समानांतर संयोजन के साथ-साथ मिश्रित संयोजन (श्रेणी-समानांतर संयोजन)के बारे में जानकारी मिलेगी|
प्रतिरोधों का संयोजन तीन प्रकार से होता है
- श्रेणी क्रम संयोजन
- समानांतर क्रम संयोजन
- श्रेणी समानांतर क्रम संयोजन
श्रेणी क्रम संयोजन (Series Combination)
यदि दो या दो से अधिक प्रतिरोधक को इस प्रकार जोड़ा जाए कि प्रत्येक प्रतिरोधक में समान धारा प्रवाहित हो तो ऐसे परिपथ को श्रेणी क्रम संयोजन परिपथ कहा जाता है|
श्रेणी क्रम संयोजन में धारा (Section in series order combination)
श्रेणी क्रम संयोजन में धारा के गुजरने का मार्ग एक ही होता है इस कारण प्रत्येक प्रतिरोध में एक समान धारा गुजरती है परिपथ की कुल धारा परिपथ के कुल प्रतिरोध के अनुसार गुजरती है व्यवहारिक रूप से सबसे अधिक प्रतिरोध वाला प्रतिरोधक परिपथ की धारा को नियंत्रित करता है अर्थात धारा I प्रत्येक प्रतिरोधक में सामान होगी या श्रेणी क्रम परिपथ की प्रत्येक शाखा में समान होगी|
श्रेणी क्रम संयोजन में वोल्टेज (Voltage in series combination)
जिस समय श्रेणी क्रम परिपथ में धारा गुजरती है उस समय परिपथ में वोल्टेज ड्रॉप प्रतिरोधक के मान के अनुसार होता है श्रेणी क्रम संयोजन में प्रत्येक प्रतिरोधक में धारा समान बहती है अतः प्रत्येक प्रतिरोधक पर वोल्टेज ड्राप का योग परिपथ में दिए गए सप्लाई वोल्टेज के समान होता है
श्रेणी क्रम संयोजन में प्रतिरोध (Resistance in series combination)
यदि परिपथ का कुल प्रतिरोध R हो तो ओम के नियमानुसार
V1 = IR1 ………(iii)
V2 = IR2 ………(iv)
V3 = IR3 ………(v)
V=IR (ओम के नियमानुसार) ………(vi)
अतः समीकरण (iii), (iv), व (v) के मान समीकरण (ii) में रखने पर
IR = IR1+IR2+IR3
या
समांतर क्रम संयोजन (Parallel Order Combination)
विद्युत परिपथ में दो या दो से अधिक प्रतिरोधक को इस प्रकार जोड़ा जाए कि तारा के बहाने के कई मार्गो तथा प्रत्येक प्रतिरोधक के टर्मिनल वोल्टेज का मान समान हो ऐसे परिपथ को समानांतर परिपथ कहते है|
समांतर क्रम संयोजन वोल्टेज (Parallel order Combination Voltage)
समानांतर परिपथ में प्रत्येक प्रतिरोधक के टर्मिनल ऊपर प्राप्त वोल्टेज का मान समान अर्थात सप्लाई वोल्टेज बराबर होता है|
समांतर क्रम संयोजन में धारा (Current in Parallel Sequence Combination Circuit)
समानांतर परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा प्रत्येक शाखा या प्रतिरोधक में बढ़ती है अतः सभी शाखाओं या प्रतिरोध को से गुजरने वाली धाराओं का योग कुल धारा के बराबर होता है
समांतर क्रम में प्रतिरोध (resistance in parallel Circuit)
समांतर क्रम संयोजन में प्रत्येक प्रतिरोधक को सप्लाई (वोल्टेज) समान ही प्राप्त होता है अतः
I1= V/R1 ……..(iii)
I2= V/R2 …….(iv)
I3= V/R3 …….(v)
यदि परिपथ का कुल प्रतिरोध R हो तो,
I=V/R ……(vi)
समीकरण (iii,iv,v) तथा के मान समीकरण (ii) में रखने पर,
V/R = V/R1+V/R2+V/R3
G = 1/R = 1/R1+1/R2+1/R3 [∵कुल चालकता G = 1/R]
अतः समांतर परिपथ में कुल चालकता उस परिपथ के प्रतिरोध के विपरीत अनुपात में होती है|
श्रेणी – समांतर क्रम संयोजन (Series – Parallel order combination Circuit)
विद्युत परिपथ जिसमें प्रतिरोधों का संयोजन श्रेणी क्रम हो समांतर दोनों क्रम में किया जाता है श्रेणी समांतर क्रम संयोजन कहलाता है इस परिपथ में धारा स्वयं ही दो भागों में बट जाती है भिन्न-भिन्न शाखाओं की धारा और वोल्टेज ड्राप किरचॉफ के नियम की सहायता से आसानी से ज्ञात किया जा सकता है
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