डीसी जनरेटर क्या है (What is DC Generator In Hindi) ?डीसी जनरेटर कितने प्रकार के होते हैं ? वह उनका कार्य सिद्धांत क्या है ? हम इसके बारे में विस्तार से जानते हैं
- डीसी जनरेटर क्या है ? (DC Generator In Hindi)
- डीसी जनरेटर का कार्य सिद्धांत क्या है?
- डीसी जनरेटर की बनावट व संरचना (Construction of dc generator in Hindi)
- डीसी जनरेटर के मुख्य भागों के बारे में विस्तार से विवरण
- योक या बॉडी (Yoke or Body)
- फील्ड पोल्स (Field Pole)
- रोटर या आर्मेचर (Rotor or Armature in DC Generator)
- डीसी जनरेटर का आर्मेचर वाइंडिंग (DC Generator Armature Winding Hindi)
- डीसी जनरेटर का लैमिनेटेड कोर (DC Generator Laminated Core in Hindi)
- कमयुटेटर (DC Generator Commutator In Hindi)
- फिल्ड क्वायल (DC Generator Filed Coil)
- कार्बन ब्रश (Carbon Brush)
- ब्रश होल्डर (Brush Holder)
- बेयरिंग (Bearing)
- टर्मिनल प्लेट (Terminal Plate)
डीसी जनरेटर क्या है ? (DC Generator In Hindi)
चुंबक के प्रयोग के आधार पर व फराडे के नियमों के आधार पर विद्युत उत्पन्न करने वाली मशीन विद्युतीय कार्यों के लिए बहुत उपयोगी बन गई है यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने वाली मशीन को डीसी जनरेटर कहते है यह डीसी धारा उत्पन्न करती है|
डीसी जनरेटर का कार्य सिद्धांत क्या है?
डीसी जनरेटर में एक स्प्लिट रिंग लगी होती है आर्मेचर के चालको के कनेक्शन किए जाते हैं जनरेटर जिसमें स्प्लिट रिंग लगी होती है वह प्रत्यावर्ती धारा सप्लाई देता है यह ध्यान रखें कि फैराडे के नियमानुसार उत्पन्न होने वाला EMF हमेशा प्रत्यावर्ती ही होता है|
चित्र एक के अनुसार उत्तर (N) व दक्षिण (S) दो चुंबकत्व ध्रुवो के मध्य चालक को लूप में दिखाया गया है यदि यह चालक बाई और घूम रहा है तो स्प्लिट रिंग भी घूमती है ब्रुश व पोल स्थिर रहते हैं जब चालक जो घूमने वाला है छितिज अवस्था में है तो उत्पन्न EMF ABCD में घटक B (सेगमेंट) से धनात्मक ब्रुश से प्रवाहित होती है व ऋणात्मक ब्रुश A से लोड को ले जाती है|
चित्र संख्या 2 में जब चालक इस स्थिति में घूम कर आता है कि वह ऊर्ध्वाधर स्थिति में रहे तो ब्रुश दोनों भागों को लघुपत कर देते हैं जिससे उत्पन्न EMF शुन्य हो जाता है कुछ क्षणो के लिए लगे हुए भार में धारा प्रवाहित नहीं होती है|
चित्र संख्या 3 में जब चालक घूम कर चित्र की स्थिति में आता है तो चालक की भुजा AB दक्षिण ध्रुव (S) क्षेत्र में प्रवेश करती है और उत्पन्न EMF उस दिशा की तुलना में जब उत्तर (N) ध्रुव के क्षेत्र में गतिमय था तो चित्र संख्या 1 के अनुसार EMF उत्पन्न करती है लेकिन इस स्थिति में स्प्लिट रिंग A व B भी अपनी स्थितियों को परिवर्तित करते हैं क्योंकि वह चालक के साथ घूमती हैं जब चालक में AB और CD भुजाएं में EMF उत्पन्न होती है तो स्प्लिट रिंग के भागों से जुड़े संबंध एक साथ स्थिर ब्रुशों के अंतर्गत अपनी स्थितियों को परिवर्तित करते हैं इस प्रकार ब्रुशों की ध्रुवता स्थिर रहती है चित्र संख्या 1 व चित्र संख्या 3 में भार में धारा की दिशा समान रहती है|
चित्र संख्या 4 के अनुसार दिष्ट धारा की उत्पत्ति को दर्शाया गया है यदि एक चालक की अपेक्षा कई चालकों से वाइंडिंग करके उसके कनेक्शन कमयुटेटर पर किए जाए तो उत्पन्न e.m.f. को बढ़ाकर स्थिर दिष्ट धारा को अच्छे रूप में प्राप्त किया जा सकता है इसके लिए क्षेत्र ध्रुवो की संख्या में वृद्धि व आर्मेचर में विभिन्न क्वाइलों के द्वारा वाइंडिंग करना अर्थात क्वायल संख्या अधिक हो तो दिष्ट धारा का उत्पादन अच्छे रूप में प्राप्त किया जा सकता है चित्र संख्या 4 में फुल वेव दिष्ट धारा दर्शाई गई है|
चित्र संख्या 5 में दर्शाए अनुसार उत्तर व दक्षिण चुंबको के ध्रुवो के बीच चालक को घुमाया जाता है वह एक ही स्प्लिट रिंग लगाई जाती है वेबफॉर्म दिष्ट धारा चित्र में दर्शाई गई है
यदि दो क्वायल से वेंडिंग की जाती है और कुल घूमने वाले दो चालकों को स्प्लिट रिंग के दो सेटों से जोड़ा जाता है वह दोनों क्वाइलों में उत्पन्न EMF को स्प्लिट रिंग से कार्बन ब्रश लगाकर प्राप्त किया जाए तो चित्र संख्या 6 के अनुसार दिष्ट धारा की वेव फॉर्म बनती है
एक कम्यूटेटर जिसमें कई सारी स्प्लिट रिंग (जो सेगमेंट नाम से भी जानी जाती है जो गोलाई में कमयुटेटर पर आपस में माइका द्वारा इंसुलेटेड होकर फिट होती हैं ) मैं कई क्वाइलों की वाइंडिंग के सिरों को कनेक्ट किया जाता है EMF दिष्ट धारा चित्र संख्या 7 के अनुसार वेव फॉर्म बनाते हैं
डीसी जनरेटर की बनावट व संरचना (Construction of dc generator in Hindi)
डीसी जनरेटर की रेटिंग किलो वाट में आती है यह नेम प्लेट पर कंपनी द्वारा दर्शाया जाता है नेम प्लेट जनरेटर का एक भाग होता है जिस पर यह लगी होती है वह भाग स्टेटर होता है
मुख्य रूप से डीसी जनरेटर की 2 भाग होते हैं
- स्टेटर
- रोटर
डीसी जनरेटर का स्टेटर (Stator of DC Generator)
वह भाग जो स्थिर रहता है इसमें घूमने वाला कोई अन्य भाग नहीं होता जैसा के चित्र में स्टेटर के बाहरी मुख्य भाग दिखाए गए हैं जो निम्न होते हैं
- लिफ्टिंग आई
- कास्ट आयरन की बनी बॉडी
- नेम प्लेट
- फीट
- फ्रेम
- योक
- टर्मिनल बॉक्स
डीसी जनरेटर के स्टेटर में आंतरिक मुख्य भाग निम्न होते हैं
- वाइंडिंग (शंट फील्ड वाइंडिंग या सीरीज फील्ड वाइंडिंग )
- इंटरपोल
- मेन पोल
- बेस प्लेट या फीट
- साइड कवर
- टर्मिनल बॉक्स
डीसी जनरेटर के मुख्य भागों के बारे में विस्तार से विवरण
योक या बॉडी (Yoke or Body)
यह कास्ट आयरन की बनी होती है यह कम किलो वाट के जरनेटर में होती है यदि अधिक किलो वाट की बड़ी जनरेटर है तो उसकी बॉडी नरम स्टील या प्लेटो को काटकर मोड़ कर वेल्डिंग करके तैयार करते हैं डी सी जनरेटर के योक या बॉडी में साइड कवर फिट होते हैं उनमें बेअरिंग का स्थान बना होता है जिससे आर्मेचर की सॉफ्ट घूम सके साइड कवर में जाली लगी होती है बॉडी के ऊपर टर्मिनल बॉक्स लगा होता है अंदर फील्ड पोल्स लगे होते हैं इन्हें बॉडी के साथ बोल्ट से कसा जाता है यह स्टेटर का मुख्य भाग है जो सारे भागों को ढक करता है|
फील्ड पोल्स (Field Pole)
इसके मुख्य भाग में पोल शू ,सॉलिड पोल कोर , रीविट्स आदि लगे होते हैं इन्हें बॉडी के अंदर मुख्य पोल के रूप में बोल्ट की सहायता से कसा जाता है फील्ड वाइंडिंग को इनके ऊपर ही लगाया जाता है पोल शू , पोल कोर का आगे का काट क्षेत्रफल बढ़ाते हैं वह आर्मेचर की तरह गोलाई देकर एयर गैप की मात्रा एक जैसी रखते हैं यह सिलीकान स्टील की लैमिनेटेड कोर द्वारा बनाया जाता है लैमिनेटेड कोर की मोटाई 1 मिलीमीटर से 0.2 मिली मीटर तक होती है|
रोटर या आर्मेचर (Rotor or Armature in DC Generator)
जनरेटर के घूमने वाले मुख्य भाग को आर्मेचर कहते हैं आर्मेचर के मुख्य भाग निम्न है
- सॉफ्ट
- कमयुटेटर
- लैमिनेटेड कोर (जिसमें स्लॉट बनी हो)
- बेअरिंग
- बेअरिंग प्लेट
- ब्रश होल्डर
- ब्रश रोकर
- आर्मेचर वाइंडिंग
- फैन ब्लेड
आर्मेचर बेलनाकार आकार की होती है इनमें एक नरम स्टील की सॉफ्ट को लेथ मशीन पर तैयार किया जाता है उस सॉफ्ट पर आर्मेचर के सारे भाग फिट किए जाते हैं व 0.064 मिली मीटर मोटी पत्तियों से गोल आकृति में लैमिनेटेड कोर को कई मात्रा में लेकर एक समूह बनाया जाता है उसके पश्चात उनमें वाइंडिंग करने के लिए खाचे बनाए जाते हैं जिन्हें स्लाइड कहते हैं आर्मेचर में की जाने वाली लेप या वेव वाइंडिंग सुपर इनिमेल तार द्वारा की जाती है
शाफ़्ट पर कम्यूटेटर फिट किया जाता है जिस पर कार्बन ब्रश, ब्रश होल्डर में फिट करके इनके संपर्क में रहते हैं इन कार्बन ब्रशके माध्यम से डीसी सप्लाई बाहर प्राप्त की जाती है आर्मेचर के घूमने के माध्यम में सहयोग भाग बेयरिंग होता है यह बाल बेयरिंग रोलर बेयरिंग के नाम से आती है इसके दोनों और बेअरिंग प्लेट लगी होती है व शाफ़्ट पर फैन ब्लेड लगी होती है आर्मेचर के घूमने के साथ यह भी घूमती है जिससे वाइंडिंग ठंडी रहती है
डीसी जनरेटर का आर्मेचर वाइंडिंग (DC Generator Armature Winding Hindi)
यह लेमिनेटेड कोर के खाँचो है जिन्हें स्लॉट कहते हैं पर की जाती है इसमें क्वायल SE तार द्वारा बनाकर डाली जाती है जिससे बाइंडिंग कहते हैं इस वाइंडिंग का कनेक्शन कम्यूटेटर के सेगमेंट पर किया जाता है यह लैप व वेब दोनों प्रकार की होती हैं लैप वाइंडिंग में जितने पोल होते हैं उतने समांतर पथ होते हैं व वेव वाइंडिंग में 2 पथ होते हैं A =2 , P = A होता है
डीसी जनरेटर का लैमिनेटेड कोर (DC Generator Laminated Core in Hindi)
इसे आर्मेचर कोर भी कहते हैं इसकी डाई द्वारा गोल आकृति में कटिंग की जाती है जिसमें से हवा गुजर सके इसके लिए वायु क्षेत्र होते हैं शाफ्ट के लिए गोल क्षेत्र व कि-वे बना होता है प्रत्येक लैमिनेटेड को आपस में इंसुलेटेड होते हैं जिससे एडी करंट या भंवर धाराएं हानि कम होती है आर्मेचर की कोर मुख्य रूप से चुंबकीय क्षेत्र को घुमावदार रखती है सूक्ष्म रेलेक्टेन्स पर चुंबकीय क्षेत्र फुलक्स का लघुपत प्रदान करता है जिससे चुंबकीय परिपथ योक एवं ध्रुव से पूर्ण होता है 0.5 मिलीमीटर मोटी सिलिकॉन स्टील की बनी लैमिनेटेड कोर होती है आर्मेचर को ठंडा रखने के लिए कोर के आर पार छिद्र किए जाते हैं लैमिनेटेड को जितनी पतली होगी उतना ही एडी करंट हानि कम होगा|
कमयुटेटर (DC Generator Commutator In Hindi)
कमयुटेटर का कार्य आर्मेचर के चालको में उत्पन्न धारा को संग्रह करने का होता है यह दिष्ट धारा देता है अर्थात फैराडे के नियम अनुसार चालकों में उत्पन्न होने वाले e.m.f. सदैव प्रत्यावर्ती धारा होता है बाहरी परिपथ के लिए कमयुटेटर दिष्ट धारा परिवर्तित करता है यह बेलनाकर होता है उच्च चालकता दृढ खींचे हुए ड्राफ फ़ोर्ज़े किए हुए तांबे (हार्ड ड्रन कॉपर) का बना होता है इसमें एक भाग को से सेगमेंट कहते हैं यह सेगमेंट आपस में अभ्रक द्वारा इंसुलेटेड रहती हैं अर्थात सेगमेंट से सेगमेंट के मध्य किसी भी प्रकार का संपर्क नहीं होता है कमेंटेटर में लगने वाली प्रत्येक सेगमेंट एक दूसरे से इंसुलेटेड रहती हैं प्रत्येक सेगमेंट पर आर्मेचर में की गई वाइंडिंग के क्वाइलों के सिरे को सोल्डिंग द्वारा जोड़ा जाता है सेगमेंट की संख्या आर्मेचर क्वायल के समान होती है अभिकेंद्र बल के कारण चालकों को भागने से व सेगमेंट को भगाने से बचाने हेतु V खांचे बने होते हैं जो कोण आकार के मेकेनाईट अंगूठियों द्वारा इंसुलेटेड होता है|
फिल्ड क्वायल (DC Generator Filed Coil)
डीसी जनरेटर के स्टेटर भाग में योक या बाड़ी के आंतरिक भाग में लगे हुए ध्रुव के ऊपर सुपर इनेमल तार द्वारा पूर्ण तरह से इंसुलेटेड क्वायल सही आकृति में फर्मो पर बनाकर फिट की जाती है लैमिनेटेड पोल शु इसे रोके रखने का कार्य करते हैं क्योंकि ध्रुव के ऊपर ध्रुव शू की चौड़ाई व गोलाई इन्हे रोके रखती है डीसी जनरेटर की बनावट के आधार पर यदि श्रेणी जनरेटर है तो मोटे तार व शंट जनरेटर होंगे अतः पतले तार की क्वायल तैयार की जाती है दोनों क्वायल पर एंपायर टेप या काटन टेप से टैपिंग करके एक ही पोल पर दोनों को फिट किया जाता है यदि जनरेटर कंपाउंड जनरेटर है तो यह संभव है
- डीसी सीरीज मोटर में फील्ड वाइंडिंग, सीरीज वाइंडिंग
- डीसी शंट जनरेटर में शंट वाइंडिंग
- डीसी कंपाउंड जनरेटर में सीरीज फील्ड व शंट फील्ड वाइंडिंग दोनों को फिट किया जाता है
कार्बन ब्रश (Carbon Brush)
ब्रश का मुख्य कार्य कमयुटेटर पर से धारा को एकत्रित करना होता है या कार्बन व ग्रेफाइट के बने होते हैं या आयताकार आकृति में होते हैं इनमें फ्लैक्सिबल तांबे की तार लगी होती है एक साइड में तांबे की अर्ध खुली तार लगी होती है जिससे ब्रश को होल्डर में अच्छी तरह से कसा जा सके|
ब्रश होल्डर (Brush Holder)
यह साइड कवर में लगे रोकर पर फिट होती है इसमें स्प्रिंग लगी होती है जो ब्रश पर दबाव बनाए रखती है स्प्रिंग तनाव के रूप में कमयुटेटर पर प्रेस की सही स्थिति बनाए रखती है एक नरम फ्लैक्सिबल तांबे का चालक जो धारा को ब्रश से रोकर पर लगे टर्मिनल तक लाता है वहां से धारा को टर्मिनल बॉक्स पर लगे टर्मिनलओ तक भेजा जाता है ब्रश होल्डर के निम्नलिखित भाग होते हैं
- स्प्रिंग टेंशन एडजेस्टमेंट
- ब्रश बॉक्स
- कार्बन ब्रश
- फ्लैक्सिबल लीड
- स्पाइरल स्प्रिंग आदि
बेयरिंग (Bearing)
यह बाल या रोलर बेयरिंग के नाम से आते हैं यह प्रायः कठोर तेल से भरे होते हैं जिससे प्रक्रिया शांत हो एवं बेयरिंग का घिसना कम रहे या सॉफ्ट पर फिट होते हैं तथा आर्मेचर के घूमने पर घर्षण कम करते हैं|
टर्मिनल प्लेट (Terminal Plate)
यह टर्मिनल बॉक्स में फिट होती है यह बेकलाइट की बनी होती है इस पर पीतल के बने टर्मिनल फिट होते हैं|
इन्हें भी पढ़ें
- व्हीटस्टोन सेतु सिद्धांत क्या है सूत्र सहित व्याख्या in Hindiइंग्लैंड के विज्ञानिक प्रोफेसर व्हीटस्टोन ने प्रतिरोध की एक विशेष व्यवस्था का आविष्कार किया जिसके द्वारा किसी चालक का प्रतिरोध ज्ञात किया जा सकता है इस व्यवस्था को व्हीटस्टोन सेतु … Read more
- वोल्टेज ड्रॉप फॉर्मूला – परिभाषा, समीकरण, उदाहरणविद्युत प्रणालियों में वोल्टेज ड्रॉप (Voltage Drop in Hindi) एक महत्वपूर्ण तथ्य है जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। यह वोल्टेज में कमी को दर्शाता करता है जो तब … Read more
- विद्युत तार के प्रकार और उनके उपयोग हिंदी मेंविद्युत धारा के निरंतर प्रवाह के लिए मार्ग प्रस्तुत करने वाला गोल आकार का सेक्शन वाला बिना आवरण का चालक अथवा आवरण युक्त इंसुलेटर चालक तार कहलाता है अथवा कोई … Read more
- प्रतिरोध परिभाषा कार्य विधि और कलर कोडिंगइस पोस्ट में हम जानेंगे कि रेजिस्टेंस कितने प्रकार के होते हैं, यह कैसे काम करता है और रेजिस्टेंस के कलर कोड को कैसे पहचाने की वह कितने ओम का … Read more
- प्रतिरोध की गणना : Resistance Value in Hindi ?Any Resistance/Resistor (प्रतिरोध) Calculate Resistance Value a very simple Register is a very important component for electronic and electrician trade whose unit is ohm. About the value of register is … Read more