Introduction of Engineering Drawing in Hindi (हिंदी में) It is the specific language of engineers, which is based on complete diagrams and stereotypes, information and copy, with the help of which the imaginary form of an object is shown on clear paper along with complete dimensions. Best topic of ITI Engineering Drawing CBT Mock Test Exam.
- Engineering Drawing Instrument ( इंजीनियरिंग ड्राइंग के उपकरण )
- Introduction of Engineering Drawing FAQs
Engineering Drawing Instrument ( इंजीनियरिंग ड्राइंग के उपकरण )
Drawing Board (ड्राइंग बोर्ड) :-
यह संशोधित लकड़ियां जैसे सफेद पाइन फर या ओक की पट्टियों का पूर्ण समतल आयताकार ड्राफ्ट्समैन के द्वारा उपयोग किए जाने वाला बोर्ड है जिसमें बोर्ड के बाएं तरफ सीधे किनारे वाली चार से 5 मिली मीटर आबनूस कठोर लकड़ी का प्रक्षेपित सीधा कोर टी स्क्वायर के लिए रखा जाता है जिसे कार्यकारी कोर या कार्यान्वित कोर कहते हैं इसे टी स्क्वायर से जांचा जा सकता है ड्राइंग बोर्ड निम्नलिखित प्रकार के आते हैं जिनका विवरण निम्न है
It is a perfectly flat rectangular board of modified woods such as white pine fur or oak strips used by draftsmen with a projected straight core of four to 5 mm ebony hardwood with a straight edge on the left side of the board for the T-square. Which is called a working core or working core, it can be checked with T square drawing board comes of following types whose details are given below
Classification of Drawing Boards & Size Engineering Drawing(ड्राइंग बोर्ड का वर्गीकरण)
Sr. No | Designated Post | Board Size |
---|---|---|
1 | D0 | 1500x1000x25 mm |
2 | D1 | 1000x700x25 mm |
3 | D2 | 700x500x15 mm |
4 | D3 | 500x350x15 mm |
T-Square (टी-स्क्वायर)
नाम के अनुरूप यह टी आकार की संशोधित लकड़ी प्लास्टिक एवं सेल्यूलाइट का बना होता है यह शीर्ष तथा ब्लेड दो भाग में होता है जिसमें एक ब्लेड का किनारा कार्यकारी किनारा होता है इस कार्यकारी किनारे को शीर्ष के साथ समकोण पर स्क्रू से कसा जाता है जिससे ब्लेड वाले भाग से छत्तिज समानांतर रेखाएं खींची जा सके|
As the name suggests, it is made of T-shaped modified wood, plastic and cellulite, this head and blade are in two parts, in which the edge of one blade is the working edge, this working edge is screwed at right angles to the top, so that the blade horizontal parallel lines can be drawn from the part of the
Classification of T Square & Size (टी स्क्वायर का वर्गीकरण)
Sr. No | Designated Post | Blade Length ( in mm) |
---|---|---|
1 | T0 | 1500 mm |
2 | T1 | 1000 mm |
3 | T2 | 700 mm |
4 | T3 | 500 mm |
Set-Square (सेट स्क्वायर)
यह पारदर्शक प्लास्टिक अथवा सेल्यूलाइट के समकोण त्रिभुजाकार आकृति के बने होते हैं यह दो के जोड़े में उपलब्ध होते हैं प्रत्येक में 90 डिग्री का एक कोण होता है सामान्य कार्य के लिए 25 सेंटीमीटर लंबा 60 डिग्री से 30 डिग्री कोण तथा 20 सेंटीमीटर लंबा 45 डिग्री – 45 डिग्री कोण वाले सैट स्क्वायर उपयोग में लिए जाते हैं इनके मध्य के स्थान पर फ्रेंच कर्वे विभिन्न आकृतियों के कटे होते हैं जो सेट स्क्वायर को ड्राइंग शीट पर सरकाने तथा उठाने में सहायक होते हैं इसकी सहायता से ऊर्ध्वाधर रेखाए तथा समांतर रेखाए खींची जा सकती है सेट-स्क्वायर तथा टी स्क्वायर की सहायता से छेतिज रेखाएं 15 डिग्री 30 डिग्री 45 डिग्री 60 डिग्री के गुणांक में तथा वृतो को सम भागो में विभाजित किया जा सकता है कभी-कभी सेट स्क्वायर अपनी अचूक यथार्थता आंतरिक विकृति के कारण खो देता है अतः इसकी जांच समय समय पर की जानी चाहिए |
They are made of transparent plastic or cellulite angled triangular shape. Available in pairs of two, each with a 90-degree angle, 25 cm long 60 ° to 30 ° angle for normal work and 20 cm long 45 ° – Set squares with 45-degree angles are used, in place of them, French curves are cut of different shapes, which are helpful in sliding and lifting the set square on the drawing sheet, with the help of this vertical lines and parallel lines can be drawn. With the help of set-square and T-square, horizontal lines can be divided into coefficients of 15 ° 30 ° 45 ° 60 ° and circles can be divided into even parts. Sometimes set square loses its accuracy due to internal distortion, hence its inspection should be done from time to time
Protractor (चांदा)
चांदा का उपयोग कोण नापने व बनाने के काम में किया जाता है यह पारदर्शक प्लास्टिक अथवा सेल्यूलाइट का बना होता है इसमें 0 शून्य से 180 डिग्री तक का कोण आसानी से इसकी सहायता से बना सकते हैं इसका आकार वृत्ताकार या अर्धवृत्त आकार होता है जिस पर वह वामावर्त व दक्षिणावर्त दिशा में शून्य से 180 डिग्री के कोण प्रदर्शित किए जाते हैं कोण नापने वह बनाने के लिए चंदे की बेसलाइन को चित्र की बेस लाइन पर व बिंदु 0 को बेसलाइन के मध्य रखा जाता है
The protractor is used in the work of measuring and making angles, it is made of transparent plastic or cellulite, in which angles from zero to 180 degrees can be easily made with its help, its shape is circular or semicircle shape on which it is placed. The angles of zero to 180 degrees are displayed in the counterclockwise and clockwise direction. To measure the angle, the donation baseline is placed on the baseline of the picture and point 0 is placed in the middle of the baseline.
Scale (स्केल)
इंजीनियरिंग ड्राइंग में उपयोग किए जाने वाले स्केल stainless-steel/ आईवेरी एवं पारदर्शक सेल्यूलाइट प्लास्टिक के आयताकार आकार के में बने होते हैं सामान्यतः स्केल पर एक तरफ सेंटीमीटर व दूसरी तरफ इंच की मार्किंग ही होती है सेंटीमीटर साइड में सबसे छोटी मापी जाने वाली दूरी 1 मिली मीटर होती है तथा इंच साइड में सबसे छोटी मापी जाने वाली दूरी 1 सूत होती है
Scales used in engineering drawings are made in rectangular shape of stainless-steel/ivory and transparent cellulite plastics. The scale usually has markings of centimeters on one side and inches on the other side. The shortest distance measured on the centimeter side is 1 Millimeter is meter and the smallest distance measured in inch side is 1 Sut.
Divider (विभाजक)
विभाजक इसकी बनावट परकार की भांति होती है अंतर सिर्फ इतना है कि इनकी इसकी दोनों टांगों के सिरों पर पिन लगी होती है इसका उपयोग सीधी रेखा को विभाजित करने ड्राइंग के नाप को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने में किया जाता है यह भी बाजार में दो प्रकार की उपलब्ध होती हैं इसलिए अच्छे परिणाम के लिए स्प्रिंग वाले विभाजक का उपयोग करना चाहिए
Separator Its structure is like a compass, the only difference is that it has pins at the ends of both its legs, it is used to divide the straight line and transfer the size of the drawing from one place to another. There are two types available in this so for best result spring separator should be used
Compass (परकार)
परकार यह दो टांगों की आकृति में बना होता है एक टांग के नीचे तीन तथा दूसरी टांग में पेंसिल की लीड लगाने की व्यवस्था होती है जिसकी सहायता से वृत्त एवं चाप बनाते हैं बड़े वृत्तो के लिए दीर्घीकरण छड़ का उपयोग किया जाता है यह बाजार में दो प्रकार के उपलब्ध होते हैं साधारण एवं स्प्रिंग वाले अच्छे परिणाम के लिए स्प्रिंग वाले परकार का उपयोग करते हुवे पिन कोड ड्राइंग शीट पर लंबवत रखते हैं
The compass is made in the shape of two legs, three under one leg and a pencil lead in the other leg, with the help of which circles and arcs are made, Elongation rods are used for large circles, it is two in the market. Varieties are available Ordinary and springy For best results, using spring compasses, pin code is placed vertically on the drawing sheet.
Circle Master (वृत्त मास्टर)
यह भी सिलोलाइड या प्लास्टिक का बना हुआ पारदर्शी वृत्ताकार उपकरण होता है इस पर विभिन्न छोटे अलग-अलग वृत्त कटे होते हैं तथा प्रोटेक्टर की भांति 0 डिग्री से 360 डिग्री तक के कोण की माप अंकित होती है इसका उपयोग ड्राइंग में तेजी से कार्य करने के लिए किया जाता है
It is also a transparent circular instrument made of Celluloid or plastic, on it various small different circles are cut and the measurement of angle from 0 degree to 360 degree is marked like a protector, it is used to work fast in drawing. is done for
Mini Drafter (मिनी ड्रॉफ्टर)
इंजीनियरिंग ड्राइंग के कार्य में आजकल मिनी ड्रॉफ्टर का उपयोग ज्यादा किया जाता है इसका मुख्य कारण है इसमें टी स्क्वायर सेट स्क्वायर ,चांदा,स्केल, का समायोजन होना है मिनी ड्राफ्टर दो भुजाओं का बना होता है उपयोग के समय एक भुजा ड्रॉइंग बोर्ड पर स्क्रू द्वारा क्लेम की जाती है तथा दूसरी भुजा जिस पर चांदा और 90 डिग्री पर जुड़े तो स्केल होते हैं जो ड्राइंग बोर्ड पर सभी स्थान पर पहुंच सकती है मिनी ड्राफ्टर से क्षैतिज ऊर्ध्वाधर तिरछी व समांतर लाइने आसानी से खींची जा सकती हैं
Nowadays mini draughter is used more in the work of engineering drawing, the main reason for this is the adjustment of T square set square, protractor, and scale, mini drafter is made of two arms at the time of use, one arm is screwed on the drawing board. The claim is made and the other arm on which the protractor is connected and connected at 90 degrees, there is a scale which can reach all the places on the drawing board. Horizontal vertical diagonal and parallel lines can be drawn easily with the mini drafter.
Introduction of Engineering Drawing FAQs
इंजीनियरिंग ड्रॉइंग क्या है?
इंजीनियरिंग ड्रॉइंग वो ग्राफिकल भाषा है जो इंजीनियर्स और डिजाइनर्स द्वारा उत्पाद या तंत्र के बारे में जानकारी संवहन करने के लिए प्रयुक्त होती है। इसमें वस्तुओं, घटकों और संरचनाओं की विस्तृत और सटीक प्रतिष्ठान की जाती है, समायोजन योजनाएँ, और अन्य जानकारियों को शामिल करती है।
इंजीनियरिंग ड्रॉइंग क्यों महत्वपूर्ण है?
इंजीनियरिंग ड्रॉइंग महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इंजीनियरों, डिजाइनर्स और निर्माताओं के लिए एक सार्वभौमिक भाषा के रूप में काम करती है। यह डिजाइन की उद्देश्य द्वारा सटीक रूप से जानकारी प्रस्तुत करने में मदद करती है, संवहन को सुनिश्चित करती है, सहयोग को सरल बनाती है, और निर्माण और विधान प्रक्रिया के दौरान त्रुटियों को कम करती है।
इंजीनियरिंग ड्रॉइंग के मुख्य तत्व क्या हैं?
एक इंजीनियरिंग ड्रॉइंग आमतौर पर निम्नलिखित तत्वों को शामिल करती है:
- शीर्षक ब्लॉक: इसमें ड्रॉइंग का शीर्षक, भाग संख्या, स्केल, और अन्य आवश्यक विवरण होता है।
- नजरिये: वस्तु के विभिन्न कोणों से दृष्टिकोणियों को उपस्थित करते हैं (जैसे, सामना, ऊपर, और पक्ष)।
- माप और अनुमतियाँ: विशेषत: विशेषत विवरण, विशालता, और विशेषत: स्थान के अंशों के आकार और स्थान की माप होती है।
- नोट्स और विशेषिकाएँ: सामग्री, समापन, सम्मिलित निर्देश, और अन्य संबंधी विवरणों की अतिरिक्त जानकारी।
इंजीनियरिंग ड्रॉइंग के विभिन्न प्रकार कौन-कौन से हैं?
विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग ड्रॉइंग हो सकते हैं, जैसे:
- विवरण ड्रॉइंग: व्यक्तिगत भागों के बारे में विशेष जानकारी प्रदान करती है।
- संघटन ड्रॉइंग: कैसे कई घटकों को एक बड़े सिस्टम में आस्थित किया जाता है यह दिखाती है।
- आइसोमेट्रिक ड्रॉइंग: वस्तु का 3D दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है, जो इसे तीन आयामों में दृश्यित करने में मदद करता है।
- पिक्चरियल ड्रॉइंग: वस्तुओं को एक अधिक वास्तविक और सांवेगिक तरीके से प्रस्तुत करती है, जैसे दृष्टिकोण या तिरिची दृष्टिकोण।
सामान्य ड्रॉइंग बोर्ड के कौन-कौन से प्रकार होते हैं?
सामान्य ड्रॉइंग बोर्ड के तीन प्रमुख प्रकार होते हैं – रेगुलर, रेडियस्ड और आईजीजी (IGCSE) बोर्ड।